वक़्त बदल गया है, तू भी बदल !
किसी को मत कर अब सलाम
दिखा दुनिया को मज़बूती से अपना कलाम
ज़रूरत पढ़ने पर अपना जायज़ हिस्सा छीन
इस दौर में किसी पर मत कर यकीन
अब दोस्त दोस्ती नहीं निभाते
दोस्त सिर्फ़ एहसान जताते |
वक़्त बदल गया है,तू भी बदल !
ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे का ख़त्म हुआ नारा
आज के दोस्त आख़िर में करदेंगे तुझे बेसहारा
हर शख़्स निकला है करने दूसरे का शिकार
तू भी बचाव में निकाल अपने सारे औज़ार
अब कलयुग में ना आयेंगे तुझे बचाने भगवान
तू ख़ुद कर अपना बचाव बनके बलवान |
वक़्त बदल गया है,तू भी बदल !
तू मत कभी करना किसी का बुरा
पर अपना भी मत होने देना बुरा
हर रिश्ता हो गया है ट्रांज़ैक्शनल
जस्ट लाइक डीलिंग ऑफ़ ए मल्टीनेशनल
दुनिया बांटेगी केवल फ्री का ज्ञान
तू भी केवल देना अच्छी सलाह पे ध्यान |
वक़्त बदल गया है,तू भी बदल !
वक़्त अपने अजीबो ग़रीब तरीकों से बहायेगी तेरा रक्त
इस कठिन परीक्षा का तू सामना करना बनके परशुराम भक्त
हैवानियत तो है आज का फैशन
इनसानियत का होगा तेरा फार्मूला विथ कम्पैशन
फ़ोन भी तेरा तभी उठायेगा सामनेवाला,
जब उसको दिखेगा तेरे नाम का बोल बाला |
वक़्त बदल गया है, तू भी बदल !
रिश्तों में नहीं बचा अब कुछ
पैसे और किश्तों से ही चलता अब सब कुछ
अंत में सब यहीं छूट जाएगा,
बस तेरा अच्छा नाम रह जाएगा |
वक़्त बदल गया है, तू भी बदल !
नवीन गिरी -(सबकुछ नाटक है !)